होलिका दहन =========== निरंकुश राक्षस था हिरण्यकश्यप हरि न मान,नारायण को दुश्मन बनाया नारायण स्वयं को बुलवा, जनता को सताया नारायण नारायण बने, प्रह्लाद को बनाया प्रह्लाद बन हरि नाम ले, नारायण फैलाया हिरणकश्यप ने हर ताकत को आज़माया ये तो बस खेल था, नारायण ने बताया प्रह्लाद में हरि था, हर खेल में प्रह्लाद जिताया हरि दिखाया प्रह्लाद में, नारायण ही […]

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