Hindi Kaagaz

अल्फ़ाज़ ऐसे जो दिलों में आशियाँ बना ले, वही शायरी है।

न केवल आपकी अपनी छाया द्वारा, बल्कि कई अन्य परछाइयों द्वारा आपका अनुसरण किया जा रहा है। इन परछाइयों के कई रूप हैं- आपके दुश्मन, आपके नफरत करने वाले।
ये परछाइयाँ चुपचाप आपका पीछा करती हैं, ये कभी आपके साथ होती हैं या कभी न कभी होती हैं। लेकिन, वे लगातार आपको नुकसान पहुंचाने की योजना बनाते हैं, आपको दुखी और असहज करते हैं। वे अपने आप में खुश हैं लेकिन उन्हें आपकी दयालुता, ईमानदारी और कड़ी मेहनत पसंद नहीं है।
ये परछाइयाँ हमेशा आप पर हावी होने की कोशिश करती हैं, बाधाएँ पैदा करती हैं, आपकी प्रगति को अवरुद्ध करती हैं। ये परछाईं कभी नहीं चाहतीं कि आप सफल हों और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी हथकंडे आजमाएंगे कि आप हर कदम पर असफल हों। अदृश्य और दृश्यमान छाया से सावधान रहें।
 परछाइयाँ 

 

============

मेरे चारों तरफ बहुत सी परछाइयाँ हैं

तप्ती धुप में मेरी परछाई के तरह हैं

आगे पीछे, हमेशा साथ पीछा करती हैं

वो परछाइयाँ, खुश हैं अपनी परछाइयों से

पर मुझे जकड़ती रहती हैं, चारों तरफ़

पैरों को कस कर ,एक जंजीर बना रही हैं

— बलजीत

For More Poems by Baljeet , buy online

https://www.amazon.in/dp/B08X77RPG6/ref=cm_sw_r_fa_dp_Y6JV0EE69XWATMF99TR1?fbclid=IwAR0rYxoQSF7y2q7dokgIuKqeF62ux0Qsmoq5NGKQpfkcUlHE4f1yW-iGkcw